आधी रोटी खाइये, रहे इरादा नेक,
तो पूरी तुम खावगे, आडम्बर तो फेक l
तड़क भड़क के दौर में, केवल झूठी शान,
है दुकान में भव्यता, पर फीके पकवान l
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