कभी दीन के संग भी, भोजन हो स्वीकार,
आप आत्म सुख पायगें, बहे नेह की धार.
जमा समय से बिल करो, रहो समय पाबन्द,
पाँच मिनट आगे घड़ी,- रखो रहो सानन्द.
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