Saturday, 16 March 2024

 

            कभी दीन के संग भी, भोजन हो स्वीकार,

             आप आत्म सुख पायगें, बहे नेह की धार.

 

      जमा समय से बिल करो, रहो समय पाबन्द,

      पाँच मिनट आगे  घड़ी,- रखो रहो  सानन्द.

 

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