कोई विधि अपनायंगे, रीत गहें अनरीत,
आबादी मरती रहे, जो अपने, सो मीत l
वही सिर्फ अपने यहाँ, गाए जो भी गीत,
पार्टी मुखिया हमीं हैं, यह ही है जगरीत l
No comments:
Post a Comment