सभी तीर्थ पावन यही, यही हमारे धाम,
किसी युक्ति कुरसी मिले, तब मिलता आराम l
सरे आम होने लगी, हत्या, लूट, घसोट,
हिस्सा बंटता पुलिस में, कुछ शाशन की ओट l
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