कोई भाषी हम रहें, ऐक समूचा देश,
बिना प्रलोभन से करें,लोभ नहीं लवलेश.
हम भारत के नागरिक, लोकतन्त्र पहिचान,
आस्था रक्खें हम सभी, अपना बना विधान |
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