Thursday, 17 October 2024

 

बुद्धिमान  है  प्राणी जग  में,  सभी  प्रशंसा  करते,

लोभ, मोह के क्षणिक सुखों में, व्यस्त सदा क्यों रहते |

पापों  का फल अवश मिलेगा, सभी  जान कर,  सोचें,

स्वार्थ छोड़, परमार्थ करो तुम, गुरुजन यह सब  कहते |

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