Sunday, 6 October 2024

आस्थाहीन व्यक्ति का जग में, सच मानो कुछ मान नहीं है,

पक्ष, विपक्ष उभय  में बैठे, उसकी तो  पहिचान  नहीं  है |

कर्मठ, योग्य, साहसी ही तो, सम्मानित होते  हैं  जग में,

भिक्षा माँग  बड़ा  हो  कोई, समझो  उसे  महान नहीं है |

हीआस्थाहीन व्यक्ति का जग में, सच मानो कुछ मान नहीं है,

पक्ष, विपक्ष उभय  में बैठे, उसकी तो  पहिचान  नहीं  है |

कर्मठ, योग्य, साहसी ही तो, सम्मानित होते  हैं  जग में,

भिक्षा माँग  बड़ा  हो  कोई, समझो  उसे  महान नहीं है |

हीआस्थाहीन व्यक्ति का जग में, सच मानो कुछ मान नहीं है,

पक्ष, विपक्ष उभय  में बैठे, उसकी तो  पहिचान  नहीं  है |

कर्मठ, योग्य, साहसी ही तो, सम्मानित होते  हैं  जग में,

भिक्षा माँग  बड़ा  हो  कोई, समझो  उसे  महान नहीं है |

हीआस्थाहीन व्यक्ति का जग में, सच मानो कुछ मान नहीं है,

पक्ष, विपक्ष उभय  में बैठे, उसकी तो  पहिचान  नहीं  है |

कर्मठ, योग्य, साहसी ही तो, सम्मानित होते  हैं  जग में,

भिक्षा माँग  बड़ा  हो  कोई, समझो  उसे  महान नहीं है |

                                      आस्थाहीन व्यक्ति का जग में, सच मानो कुछ मान नहीं है,

पक्ष, विपक्ष उभय  में बैठे, उसकी तो  पहिचान  नहीं  है |

कर्मठ, योग्य, साहसी ही तो, सम्मानित होते  हैं  जग में,

भिक्षा माँग  बड़ा  हो  कोई, समझो  उसे  महान नहीं है |

                                      आस्थाहीन व्यक्ति का जग में, सच मानो कुछ मान नहीं है,

पक्ष, विपक्ष उभय  में बैठे, उसकी तो  पहिचान  नहीं  है |

कर्मठ, योग्य, साहसी ही तो, सम्मानित होते  हैं  जग में,

भिक्षा माँग  बड़ा  हो  कोई, समझो  उसे  महान नहीं है |


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