जो कुछ भी तुमको करना है, पहिले लक्ष्य बनाओ,
सब करते हैं, वही करेंगे, क्या उसको दुहराओ |
लक्ष्य हीन, चैतन्य शून्य, सब क्रिया व्यर्थ यह जानो,
उसकी करो साधना मन से, तो कुछ उससे पाओ |
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