उसने जो कुछ दिया बहुत है, बस उससके गुण गायें,
ऊपर क्यों? नीचे को देखें, फिर मन को
समझायें |
हमसे जो भी गुणी
योग्य है, उससे
ही कुछ सीखें,
सन्तोषी रह, अंहकार तज,
आदर
भाव जतायें |
उसने जो कुछ
दिया बहुत है, बस उससके गुण गायें,
ऊपर क्यों? नीचे को देखें, फिर मन को
समझायें |
हमसे जो भी गुणी
योग्य है, उससे
ही कुछ सीखें,
सन्तोषी रह, अंहकार तज,
आदर
भाव जतायें |
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