Friday, 4 October 2024

 झूठ,कपट,छल से जिसने भी, धन वैभव को पाया,

भौतिक लाभ मिल सका उसको,पर पीछे पछताया |

उसका  पतन  अवश्यम्भावी, दुख उपजेगा निश्चित,

मानव के  अनुरूप  कर्म  होंदूर  हटेगी  माया |

झूठ,कपट,छल से जिसने भी

धन वैभव को पाया,

भौतिक लाभ मिल सका उसको,पर पीछे पछताया |

उसका  पतन  अवश्यम्भावी, दुख उपजेगा निश्चित,

मानव के  अनुरूप  कर्म  होंदूर  हटेगी  माया |

झूठ,कपट,छल से जिसने भी, धन वैभव को पाया,

भौतिक लाभ मिल सका उसको,पर पीछे पछताया |

उसका  पतन  अवश्यम्भावी, दुख उपजेगा निश्चित,

मानव के  अनुरूप  कर्म  होंदूर  हटेगी  माया |

झूठ,कपट,छल से जिसने भी, धन वैभव को पाया,

भौतिक लाभ मिल सका उसको,पर पीछे पछताया |

उसका  पतन  अवश्यम्भावी, दुख उपजेगा निश्चित,

मानव के  अनुरूप  कर्म  हों,  दूर  हटेगी  माया |

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