राजा को अभिमान यदि, ज्ञानी को यदि मान,
तो प्रसिद्धि घटती सदा, कवि का है सम्मान |
कवि का यदि स्तर गिरा, घट जाता सम्मान,
मात्र प्रशंसा से नहीं, हो सकता कल्याण.
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