Monday, 4 March 2024

 

राजा को अभिमान यदि, ज्ञानी को यदि मान,

       तो प्रसिद्धि घटती सदा, कवि का है सम्मान | 

 

            कवि का यदि स्तर गिरा, घट जाता सम्मान,

            मात्र प्रशंसा से  नहीं, हो  सकता  कल्याण.

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