Sunday, 25 September 2022

दोहे

 

सद्प्रवृति अपनाये जो, उसको मिलते राम,

दुष्प्रवृति हम  छोड़  दें, बन जायेंगे काम l                    

     राम सहायक ही रहें, पवन पुत्र हनुमान,

    हम भी सेवक राम के,गायें प्रभु के गान l

 राम लिखे पत्थर सधे, लिखा गया बस नाम,

 वे जिनके भी हृदय में, रक्षक  रहते  राम l 

   राम नाम जो भी जपे, छोड़े सब छ्लछन्द,

   मिलता  है  सन्तोष धन, रहते वे सानन्द l

राम भक्तिमणि पास यदि,फिर क्यों करता शोक,

बिन  मांगे  फल  पायगा,  सुधरेगा   परलोक l

   राम शरण में जो गया, हुआ वही भव पार,

  शरण राम  की तुम गहो, यदि चाहो उद्धार l

भक्त शिरोमणि राम हैं, सदा भक्त पर नेह,

तुम भी  भज लो  राम को, मानो निस्संदेह l

    राम मर्म  को  जानिये, आयेगा  आनन्द,

    पुलकित तन मन हो सदा,छूटेगा छ्लछ्न्द l

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