दु:ख सभी हरते वही, मन मत करो उदास,
सुख देते
हैं रामजी, रखो हृदय विश्वास l
लीला सब प्रभु राम की,रहो राम में लीन,
आश्रय पाओ राम का, सदा रहो तल्लीन l
राक्षस कुल का नाश कर, विजयी हुये थे राम,
अहंकार
जिसने किया, उसको लगा विराम l
सद्प्रवृति अपनाये जो, उसको मिलते राम,
दुष्प्रवृति हम
छोड़ दें, बन जायेंगे काम l
राम सहायक ही रहें, पवन पुत्र हनुमान,
हम भी सेवक राम के,गायें प्रभु के गान l
डा0 हरिमोहन गुप्त
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