उम्मीद क्यों रखते हो अपनी शान की,
नेक नीयत ही भली आपके ईमान की |
रव करेगा हर मदद,यह छोड़ दो उस पर,
फ्रिक्र रहती है उसे, सारे जहाँन की |
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