रहा उपेक्षित वही वर्ग ही, जो नेत्रत्व दिया करता है,
अधिकारों के साथ साथ ही, जो कर्तव्य किया करता है l
आज समय ने करवट बदली, पीड़ा और बढ़ा दी मन की,
प्यास बुझाये जो औरों की, वह अपमान पिया करता है l
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