Saturday, 29 July 2023

दीनों  की  पीड़ा हरें, उससे  हो  पहिचान,

सुख समृद्धि ही बढ़ सके, उसमें है कल्याण l

कान  दूसरा क्यों सुने, आँख बने अनजान,

                          निर्बल, निर्धन न रहे, यही सुकृत का दान l 

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