Wednesday, 5 July 2023

 

जो सेवक हैं सही अर्थ में, वे तो समझें खुद को अफसर,

वेतन भोगी कहें  भले  ही, छोड़ें नहीं कोई  भी  अवसर l

जनहित के क्या काम करेंगे, सोच समझ जिनकी है लिप्सा,

समय नहीं जो दर्द सुन सकें, ऐसा ही  होता है अक्सर |

No comments:

Post a Comment