दो गवाह तैयार तो, झूठे का सब खेल,
न्यायालय
भी विवश है,सच्चा जाता जेल.
लम्वित होते मुकद्दमे, कारण बनें वकील,
निर्णय में सहयोग दें, उनसे यही अपील |
ऐसा
यदि होगा यहाँ, होंगे कम अपराध,
जग सुधरेगा देखना, पूरी
होगी साध |
अग्नि
परीक्षा बाद भी, सीता को वनवास,
प्रश्न चिन्ह है न्याय पर, कैसे हो विश्वास |
अब
शासन में चाहिये, आना कुछ बदलाव,
अपराधी
को दण्ड दें, जल्दी बिना दवाव |
नर पिशाच ये भेड़िये,घूम रहे
स्वच्छन्द,
अपराधी भी घूमते, हो करके निरद्व्न्द.
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“नारी”
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