Saturday, 20 April 2024

जमा समय से बिल करो, रहो समय पाबन्द,

       पाँच मिनट  आगे घड़ी,  रखो, रहो सानन्द |

 

               पुष्प सुगन्धित यदि मिलें, सूंघो प्रात: रोज,

                शांत रहे मस्तिष्क, मन, यही अनूठी खोज | 

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