कुछ का धन्धा चमकता, कुछ हो जाते फेल,
अपना अपना भाग्य है, कुछ विधना का खेल |
राजनीति के खेल में, स्वयं करो अनुमान,
कितना इसमें नफा है, कितना है नुकसान |
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