सोच सदा मजबूत हो, दया हृदय के पास,
पाओगे परिणाम तुम, जग बन जाये दास |
घर में यदि व्यंजन बने, रखो पड़ोसी ध्यान,
सुख मिलता है सौ गुना, बनती निज पहिचान |
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