Friday, 6 January 2017

शिक्षा

बुधि विवेक युत शिक्षा ही होती संस्कृति है
निज कर्मों की प्रति -विम्ब होती आकृति है
यों तो आवागमन सत्य है , शाश्वत जग में
मरती रहती देह , अमर ही होती कृति है
डॉ. हरिमोहन गुप्त

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