अब हमारे हाथ से लिखने की स्याही भी छिनी
आचरण में जो मिली उपलब्धियां किसने गिनीं ?
स्वार्थपरता में सभी मिलकर उतारें आरती
क्या कहें , किससे कहें , बिकने लगी अब लेखनी
- डॉ. हरि मोहन गुप्त
आचरण में जो मिली उपलब्धियां किसने गिनीं ?
स्वार्थपरता में सभी मिलकर उतारें आरती
क्या कहें , किससे कहें , बिकने लगी अब लेखनी
- डॉ. हरि मोहन गुप्त
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