पूजा छोटी ,बड़ी कोई हो, मन में बस विश्वास भाव है,
प्रतिमा तो पत्थर होती
है, मिटटी, सोना
नहिं लगाव है,
भक्ति भाव से,
श्रद्धापूर्वक जो
भी पूजा की जाती है,
तो उसका परिणाम सहज ही मिल जाता यह ही स्वभाव है
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पूजा छोटी ,बड़ी कोई हो, मन में बस विश्वास भाव है,
प्रतिमा तो पत्थर होती
है, मिटटी, सोना
नहिं लगाव है,
भक्ति भाव से,
श्रद्धापूर्वक जो
भी पूजा की जाती है,
तो उसका परिणाम सहज ही मिल जाता यह ही स्वभाव है
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