गुरुवर
आपका शत शत वन्दन, गुरुवर श्रेष्ठ
महान |
सदा पूज्य हैं आप हमारे, करते
हम पद वन्दन,
गुरुवर श्रेष्ठ पारखी जग के,करते
हम अभिनन्दन |
आपका शत शत वन्दन, गुरुवर श्रेष्ठ
महान |
तुम वशिष्ठ हो गुरु के नाते, बने
राम जी ज्ञानी,
संदीपन
हैं आप, कृष्ण
ने गीता ज्ञान बखानी |
गुरुवर
श्रेष्ठ महान, आपका
शत शत वन्दन |
रामदास ने वीर शिवा की ,कभी
परीक्षा ली थी,
मँगा शेरनी दूध तभी फिर, उनको
दीक्षा दी थी |
ऐसे
बनते योग्य शिष्य तब, आप गुणों की खान |
राम कृष्ण ने जिन्हें तपाया, वे
तप कर बन पाये,
बने विवेकानन्द उसी विधि, जग
में नाम कमाए |
अमरीका
ने लोहा माना, चूर
किया अभिमान |
ऐसी
हमने शिक्षा पाई, सीखा है अनुशासन,
सीमित इच्छाओं को रक्खा, सच
में हो अपनापन |
ऐसा
पाठ पढाया हमको, बनी
वही पहिचान |
नहीं आपसे उऋण हुये हैं, नहीं
कभी हो सकते,
कितना भी हम दान करें पर,बोल हमारे
थकते |
सब
कुछ अर्पण करें आपको, करते हम गुण गान |
आपका शत शत वन्दन, गुरुवर श्रेष्ठ
महान |
सदा पूज्य हैं आप हमारे, करते
हम पद वन्दन,
गुरुवर श्रेष्ठ पारखी जग के,करते
हम अभिनन्दन |
आपका शत शत वन्दन, गुरुवर श्रेष्ठ
महान |
तुम वशिष्ठ हो गुरु के नाते, बने
राम जी ज्ञानी,
संदीपन
हैं आप, कृष्ण
ने गीता ज्ञान बखानी |
गुरुवर
श्रेष्ठ महान, आपका
शत शत वन्दन |
रामदास ने वीर शिवा की ,कभी
परीक्षा ली थी,
मँगा शेरनी दूध तभी फिर, उनको
दीक्षा दी थी |
ऐसे
बनते योग्य शिष्य तब, आप गुणों की खान |
राम कृष्ण ने जिन्हें तपाया, वे
तप कर बन पाये,
बने विवेकानन्द उसी विधि, जग
में नाम कमाए |
अमरीका
ने लोहा माना, चूर
किया अभिमान |
ऐसी
हमने शिक्षा पाई, सीखा है अनुशासन,
सीमित इच्छाओं को रक्खा, सच
में हो अपनापन |
ऐसा
पाठ पढाया हमको, बनी
वही पहिचान |
नहीं आपसे उऋण हुये हैं, नहीं
कभी हो सकते,
कितना भी हम दान करें पर,बोल हमारे
थकते |
सब
कुछ अर्पण करें आपको, करते हम गुण गान |
आपका शत शत वन्दन, गुरुवर श्रेष्ठ
महान |
सदा पूज्य हैं आप हमारे, करते
हम पद वन्दन,
गुरुवर श्रेष्ठ पारखी जग के,करते
हम अभिनन्दन |
आपका शत शत वन्दन, गुरुवर श्रेष्ठ
महान |
तुम वशिष्ठ हो गुरु के नाते, बने
राम जी ज्ञानी,
संदीपन
हैं आप, कृष्ण
ने गीता ज्ञान बखानी |
गुरुवर
श्रेष्ठ महान, आपका
शत शत वन्दन |
रामदास ने वीर शिवा की ,कभी
परीक्षा ली थी,
मँगा शेरनी दूध तभी फिर, उनको
दीक्षा दी थी |
ऐसे
बनते योग्य शिष्य तब, आप गुणों की खान |
राम कृष्ण ने जिन्हें तपाया, वे
तप कर बन पाये,
बने विवेकानन्द उसी विधि, जग
में नाम कमाए |
अमरीका
ने लोहा माना, चूर
किया अभिमान |
ऐसी
हमने शिक्षा पाई, सीखा है अनुशासन,
सीमित इच्छाओं को रक्खा, सच
में हो अपनापन |
ऐसा
पाठ पढाया हमको, बनी
वही पहिचान |
नहीं आपसे उऋण हुये हैं, नहीं
कभी हो सकते,
कितना भी हम दान करें पर,बोल हमारे
थकते |
सब
कुछ अर्पण करें आपको, करते हम गुण गान |
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