Thursday, 5 September 2024

   गुरुवर

 

       आपका शत शत वन्दन, गुरुवर श्रेष्ठ महान |

      सदा पूज्य हैं आप हमारे, करते हम पद वन्दन,

     गुरुवर श्रेष्ठ पारखी जग के,करते हम अभिनन्दन |

 आपका शत शत वन्दन, गुरुवर श्रेष्ठ महान |   

      तुम वशिष्ठ हो गुरु के नाते, बने राम जी ज्ञानी,

     संदीपन  हैं आप, कृष्ण ने गीता ज्ञान  बखानी |

गुरुवर श्रेष्ठ महान, आपका शत शत वन्दन |

     रामदास ने वीर शिवा की ,कभी परीक्षा ली थी,

     मँगा शेरनी दूध तभी फिर, उनको दीक्षा दी थी |

ऐसे बनते योग्य शिष्य तब, आप गुणों की खान |

     राम कृष्ण ने जिन्हें तपाया, वे तप कर बन पाये,

     बने विवेकानन्द उसी विधि, जग में नाम कमाए |

अमरीका ने लोहा माना, चूर किया अभिमान |

     ऐसी  हमने शिक्षा  पाई, सीखा  है अनुशासन,

     सीमित इच्छाओं को रक्खा, सच में हो अपनापन |

ऐसा पाठ पढाया हमको, बनी वही पहिचान |

       नहीं आपसे उऋण हुये हैं, नहीं कभी हो सकते,                                       कितना भी हम दान करें पर,बोल  हमारे  थकते |

सब कुछ अर्पण करें आपको, करते हम गुण गान |

   गुरुवर

 

       आपका शत शत वन्दन, गुरुवर श्रेष्ठ महान |

      सदा पूज्य हैं आप हमारे, करते हम पद वन्दन,

     गुरुवर श्रेष्ठ पारखी जग के,करते हम अभिनन्दन |

 आपका शत शत वन्दन, गुरुवर श्रेष्ठ महान |   

      तुम वशिष्ठ हो गुरु के नाते, बने राम जी ज्ञानी,

     संदीपन  हैं आप, कृष्ण ने गीता ज्ञान  बखानी |

गुरुवर श्रेष्ठ महान, आपका शत शत वन्दन |

     रामदास ने वीर शिवा की ,कभी परीक्षा ली थी,

     मँगा शेरनी दूध तभी फिर, उनको दीक्षा दी थी |

ऐसे बनते योग्य शिष्य तब, आप गुणों की खान |

     राम कृष्ण ने जिन्हें तपाया, वे तप कर बन पाये,

     बने विवेकानन्द उसी विधि, जग में नाम कमाए |

अमरीका ने लोहा माना, चूर किया अभिमान |

     ऐसी  हमने शिक्षा  पाई, सीखा  है अनुशासन,

     सीमित इच्छाओं को रक्खा, सच में हो अपनापन |

ऐसा पाठ पढाया हमको, बनी वही पहिचान |

       नहीं आपसे उऋण हुये हैं, नहीं कभी हो सकते,                                       कितना भी हम दान करें पर,बोल  हमारे  थकते |

सब कुछ अर्पण करें आपको, करते हम गुण गान |

    गुरुवर

 

       आपका शत शत वन्दन, गुरुवर श्रेष्ठ महान |

      सदा पूज्य हैं आप हमारे, करते हम पद वन्दन,

     गुरुवर श्रेष्ठ पारखी जग के,करते हम अभिनन्दन |

 आपका शत शत वन्दन, गुरुवर श्रेष्ठ महान |   

      तुम वशिष्ठ हो गुरु के नाते, बने राम जी ज्ञानी,

     संदीपन  हैं आप, कृष्ण ने गीता ज्ञान  बखानी |

गुरुवर श्रेष्ठ महान, आपका शत शत वन्दन |

     रामदास ने वीर शिवा की ,कभी परीक्षा ली थी,

     मँगा शेरनी दूध तभी फिर, उनको दीक्षा दी थी |

ऐसे बनते योग्य शिष्य तब, आप गुणों की खान |

     राम कृष्ण ने जिन्हें तपाया, वे तप कर बन पाये,

     बने विवेकानन्द उसी विधि, जग में नाम कमाए |

अमरीका ने लोहा माना, चूर किया अभिमान |

     ऐसी  हमने शिक्षा  पाई, सीखा  है अनुशासन,

     सीमित इच्छाओं को रक्खा, सच में हो अपनापन |

ऐसा पाठ पढाया हमको, बनी वही पहिचान |

       नहीं आपसे उऋण हुये हैं, नहीं कभी हो सकते,                                       कितना भी हम दान करें पर,बोल  हमारे  थकते |

सब कुछ अर्पण करें आपको, करते हम गुण गान |

   

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