हमने
जो इतिहास पढ़ा है, साहस शोर्य जगाया जाये,
संस्कृत ही जननी हिन्दी की, इसको
ही समझाया जाये
भाषा सबकी ही हिन्दी हो, ऐसी आग लगाई
जाये,
जन मन की भाषा है हिन्दी, ऐसा भाव बताया
जाये |
काव्य रचना में अनोखी शक्ति है,
जो जुड़ा उससे सुवासित भक्ति है |
जोड़ती
हिन्दी सदा सद्भाव
से,
बोलने की बस सहज अभिव्यक्त है |
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