Thursday, 1 August 2024

 

दोष दूसरों  के  मत  देखो, झाँको  अपने  अन्दर,

मिथ्या अंहकार  बढ़  जाता,  क्रोध, घृणा आते घर |

देखो तुम  अपने  दोषों को, स्वयं  सुधर  जाओगे,

सामजिक  अपराधी  कोई,  दण्ड दिलाओ  जी भर |

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