परोपकार में जीवन बीते, जिसको मिले सुभीता,
सुख,दुःख में जो रहा एक रस,समय एक रस बीता |
संयम नियम आचरण सम हैं, उसने जग को जीता,
जो संतृप्त करे औरों को, पनघट कभी न रीता |
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