Wednesday, 28 August 2024

 

बल पौरुष के कारण जग में, नर ने माना श्रेष्ठ कर्म है,

धर्म भीरु होने  के  कारण, नारी  कहती  श्रेष्ठ धर्म है |

नहीं कल्पना है यह कोरी, मानो तो  विशवास अटल है,

कोई जान  न पाया उसको, इसीलिए तो  श्रेष्ठ मर्म है |

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