Monday, 26 August 2024

पैर जब कभी चादर से बाहर को आते हैं,

उसूलों  से  बड़े जब ख्बाव  हो जाते हैं |

परेशानी  का  अनुभव तो देर  से होता.

 जब अपने साथी साथ छोड़ कर जाते हैं  |पैर जब कभी चादर से बाहर को आते हैं,

उसूलों  से  बड़े जब ख्बाव  हो जाते हैं |

परेशानी  का  अनुभव तो देर  से होता.

                                                    जब अपने साथी साथ छोड़ कर जाते हैं 

                                                   |पैर जब कभी चादर से बाहर को आते हैं,

उसूलों  से  बड़े जब ख्बाव  हो जाते हैं |

परेशानी  का  अनुभव तो देर  से होता.

                                                   जब अपने साथी साथ छोड़ कर जाते हैं  |

                                                   पैर जब कभी चादर से बाहर को आते हैं,

उसूलों  से  बड़े जब ख्बाव  हो जाते हैं |

परेशानी  का  अनुभव तो देर  से होता.

 जब अपने साथी साथ छोड़ कर जाते हैं  | 

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