हमको क्या करना है जग में, लक्ष्य बनाओ निश्चित,
जीना,मरना तो जीवन क्रम,भटके, हुये पराजित |
आये हैं किस हेतु धरा पर, इस पर करिये मंथन |
व्यर्थ जायगा यह जीवन ही, फिर क्या मिले कदाचित |
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