Sunday, 4 February 2024

       मानो तो वह ऐक है, यह संसार असार,

      ऐसा कुछ होता नहीं, निराकार, साकार l

 

              जीवन गारा व्यर्थ में, लिया न प्रभु का नाम,

              पछताता  हूँ  मैं  स्वयम, बिगड़े  सारे काम l

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