मन्द बुद्धि कम्बल सदृश ,सादा बुद्धि सुजाग,
बांस सरीखी जो फटे, होती बुद्धि कुशाग्र |
मेधा शक्ति बढाइये, लें विवेक से काम,
वंश बुद्धि यदि हो गई,करते सभी सलाम l
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