ईश्वर बड़ा दयालु है, रक्षक है वह आप,
क्यों उससे मुख मोड़ते, करते पश्चाताप l
जिसकी जैसी भावना, वैसी मानो
यार,
क्यों उससे मुख मोड़ते, करते पश्चाताप l
जिसकी जैसी भावना, वैसी मानो
यार,
क्यों उससे मुख मोड़ते, करते पश्चाताप l
जिसकी जैसी भावना, वैसी मानो
यार,
क्यों उससे मुख मोड़ते, करते पश्चाताप l
जिसकी जैसी भावना, वैसी मानो
यार,
क्यों उससे मुख मोड़ते, करते पश्चाताप l
जिसकी जैसी भावना, वैसी मानो
यार,
क्यों उससे मुख मोड़ते, करते पश्चाताप l
जिसकी जैसी भावना, वैसी मानो
यार,
क्यों उससे मुख मोड़ते, करते पश्चाताप l
जिसकी जैसी भावना, वैसी मानो
यार,
क्यों उससे मुख मोड़ते, करते पश्चाताप l
जिसकी जैसी भावना, वैसी मानो
यार,
क्यों उससे मुख मोड़ते, करते पश्चाताप l
जिसकी जैसी भावना, वैसी मानो
यार,
क्यों उससे मुख मोड़ते, करते पश्चाताप l
जिसकी जैसी भावना, वैसी मानो
यार,
क्यों उससे मुख मोड़ते, करते पश्चाताप l
जिसकी जैसी भावना, वैसी मानो
यार,
No comments:
Post a Comment