बार बार यह सोचिये, तभी बताएं भेद,
यदि कुपात्र निकला वही, तुमको होगा खेद |
करें प्रशंसा भीड़ में, समझाएं घर,द्वार,
सुधर जायंगी गलतियाँ, यह ही नेक विचार |
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