Wednesday, 29 May 2024

 

         उसकी कृपा सदैव है,भाव रहे निस्वार्थ।

       अहंकार बस छोड़ दो,है बस यही यथार्थ।

 

 

             आवश्यकता से अधिक, धन संग्रह है पास,

             निर्धन जन में बाँटिये, सुखी रहें, विश्वास |

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