आवश्यक जो काम हैं, प्रथम करें श्री मान,
शेष काम हों बाद में, इसे लीजिये मान |
आवश्यक चाभी सदा, दो दो रखें सभाँल,
समय कभी यदि आ पड़े, मिल सकती तत्काल |
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