अस्पताल में कोइ हो, अपना यदि मजबूर,
उसे सांत्वना चाहिए, दे दो तुम भरपूर |
आयें स्वच्छ विचार जब, रखिये इन्हें सहेज,
पाँव सफलता पूजती, करते क्यों परहेज ?
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