पत्नी, बच्चों को कभी, नहिं डाटे बाजार,
घर आ कर समझाइये, होगा उचित सुधार |
निर्णय लेना बाद में, हट जाये जब क्रोध,
निश्चित दुखदायी सदा, मानो यह अनुरोध |
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