साहस के संग योयता, यही सफलता मन्त्र,
वाणी में हो मधुरता, तोड़ें सारे तन्त्र |
स्वागत करना चाहिये, जो भी आये द्वार,
आप खड़े हो जाइये, बहे नेह की धार |
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