Thursday, 12 January 2023

 

बुन्देली व्यंजन बनें, मने तीज त्यौहार,

बोलें  बुन्देली सबई,  बुन्देली व्योहार l

  ज्वार, बाजरा मलीदा, घी, गुड के संग खाय,

   खा केँ सुस्ता लो जरा, जाड़ो खुद भग जाय l

बथुआ, मेथी, नोरपा, बेगन  भर्ता  खाय,

केंथा की चटनी मिले, स्वाद दो गुनों पाय

     मठा,महेरी खाय जो, पाँच कोस लों जाय,

     थोरो थोरो  गुड़ मिले, नहीं थकाबट पाय l

सतुआ घोरे थार में, गुड़  के  संगे खाय,

भरी दुफरिया में चले, पाउन नहीं थकाय l

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