सुभाष चन्द्र बोस=
मन में थी वह ललक, वही संकल्प, वही विश्वास,
हर ऊँचाई को छू सकते ह्म, मन में ऐसी आस.
मुझको दो तुम खून, तुम्हें आजादी दूँगा निश्चित,
आजाद हिन्द के सजग सिपाही, ऐसे रहे सुभाष.
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