Saturday, 7 January 2023

  जो कृतज्ञ,संयम प्रमुख, हो संकल्प महान,

    जिसकी जो सामर्थ हो. उतना करिये दान l

धर्म नित्य,सुख दुख अनित, नहीं रहेगा दोष,

छोड़ अनित,नित में रहे, तो मिलता सन्तोष l

   मिथ्या आग्रह, कटुवचन, करे तीर का काम,

   स्वाभाविक यह प्रतिक्रया, उल्टा हो परिणाम

धन संग्रह नहिं धर्म से, उसका करिये त्याग,

यथा सर्प  की  केचुली, नहीं  लगेगा  दाग l

  धर्म पन्थ में बाँट कर, हमें किया बर्वाद,

  ऐक नहीं  होने  दिया, उपजा वादविवाद l

वे 

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