Tuesday 31 January 2023

 

भाव हैं  उदिग्न मन की  ही तपन,

साधना स्वर ही रहा संगीत का धन.

लय अगर बस छन्द का श्रृंगार कर दे,

गीत क्या  है  सृष्टि का  नूतन सृजन.

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