Friday, 27 January 2023

   “नारी”

नारी अबला मत कहो,सबला है वह आज,

छूती है  आकाश  को, सर पर रक्खे ताज.

      नैतिक शिक्षा दीजिये, नारी को सम्मान,

      नशा रोकिये सब तरह,तब होगा कल्याण.

पहिले बदलें आचरण, भाषण का क्या काम,

नारी की  पूजा  करें,  तो  पाओ  आराम.

     नारी को पूजें  सभी, उसको दें  सम्मान,

   आ कर बसते देवता, सर्व सिद्धि अभियान.

नारी अनुपम रत्न है, नर संशय का पात्र,

दोषों का  भंडार  है, निश्चय नश्वर मात्र.

  

  

No comments:

Post a Comment