जिनके जितने झूठे वादे, उनके माथे रोली चन्दन,
लिप्त रहे जो गलत काम में, उनका द्वार द्वार अभिनन्दन l
जब अतीत की बात सोचता, ठनका करता सबका माथा,
अँधियारा जिनका भविष्य है, वर्तमान करता गुणवन्दन l
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