मीठी बातें बगल छुरी का यही अर्थ है,
मिले अनादर, तिरिस्कार होता अनर्थ है.
घुटनों के बल चले,किसी को वह ललकारे,
बन्दर घुड़की सुनी, सोच लो सभी व्यर्थ है.
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