ऊँचा हो आदर्श हमारा, लोग करेंगे तभी अनुकरण,
सत्य अहिंसा को अपनाएँ, सारा जग कर सके अनुशरण l
द्वेष, दम्भ या अहंकार से, जीत सका क्या कोई मन को,
निष्ठा, लगन, परिश्रम का ही, फल होता है श्रेष्ठ आचरण l
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