Thursday, 2 March 2023

फल देतें हैं सदा सभी को, वृक्ष नहीं कुछ खाते,
धरती को सिंचित करते ही,बादल फिर उड़ जाते,
प्यास बुझाती प्यासे की ही,सरिता कब जल पीती,

           पर उपकारी जो रहते हैं, धन्य वही हो पाते ,,,,, 

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