सदाचार संग नम्रता, क्षमा, दया का भाव,
सत्य, शील ही प्रेम है, रहता नहीं अभाव |
ज्ञान सहज पायें सभी, रहें अगर निश्चिन्त,
अहंकार बस छोड़ दें, झूठे सभी लगाव |
No comments:
Post a Comment